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मंगलवार, 4 जनवरी 2022

एक कलक्टर ऐसा भी..बिना कुछ कहे सादगी से नालंदा को अलविदा कह गए डीएम योगेंद्र सिंह। रेलवे टिकट काउंटर पर खुद लाइन में लगकर टिकट लिए और अकेले ही ट्रेन से रवाना हो गए।

नालंदा के 37वें डीएम रहे योगेंद्र सिंह की सादगी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। बिना ताम-झाम के जिला को अलविदा कह गए। फेयरवेल पार्टी को शालीनता से मना किया,हाथ में ट्राली बैग व बाडीगार्ड को नए डीएम के साथ रहने की बात कह एक आम पब्लिक की तरह लाइन में लगकर ट्रेन का टिकट लिया और श्रमजीवी ट्रेन में बैठकर पटना की ओर रवाना हो गए। जानकारी के अनुसार नगर आयुक्त तरणजोत सिंह को प्रभार दिया,सिम डीडीसी को दिया और वे अपने नये पदस्थापना वाले जिला समस्तीपुर के लिए निकल पड़े। नालंदा जिला गठन के बाद योगेंद्र सिंह 37वें जिलाधिकारी थे। लेकिन स्थानांतरण के बाद जिस तरह वे नालंदा से रवाना हुए ,शायद ऐसा किसी डीएम के कार्यकाल में देखने को नहीं मिला।



प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह आठ बजे डीएम ने कर्मियों को अपनी गाड़ी लगाने कहा वह भी बगैर अंगरक्षक एक ट्रॉली लेकर अपनी गाड़ी में बैठे और सीधे बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पहुंचे और अकेले पटना के लिए रवाना हो गये। रेलवे स्टेशन पर श्रमजीवी एक्सप्रेस पकड़ने आये सैकड़ों लोग यह देखकर स्तब्ध थे कि स्थानांतरण के बाद किस सादगी के साथ योगेंद्र सिंह ने जिला को अलविदा कहा। बता दें कि योगेंद्र सिंह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी है। सबसे पहले पटना सिटी के एसडीओ, बेतिया के उप विकास आयुक्त और शेखपुरा के जिलाधिकारी रह चुके है। उत्तर प्रदेश के उन्नांव जिले के हरिपुर के रहने वाले योगेंद्र सिंह की पहचान जिले में एक तेजतर्रार व विकास के लिए हमेशा अग्रसर रहने वाले अधिकारी के रूप में रही। ज़ू सफारी के फाइनल टच देने तक मे इनका अहम योगदान रहा। वे लगभग 35 महीने तक नालंदा के डीएम के रूप में रहे।

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